इंस्टाग्राम का बड़ा फैसला: कंटेंट क्रिएटर्स की परेशानी बढ़ी, HD वीडियो की क्वालिटी पर लगा रोक

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम लगातार अपने यूजर्स को बेहतर अनुभव देने के लिए नए-नए बदलाव करता रहता है। लेकिन हाल ही में कंपनी ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे कंटेंट क्रिएटर्स और इंफ्लूएंसर्स की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, इंस्टाग्राम ने अपने वीडियो की क्वालिटी को कम करने का फैसला किया है, जिससे यूजर्स को कमजोर इंटरनेट वाले क्षेत्रों में वीडियो देखने में कोई परेशानी न हो। हालांकि, इस फैसले के चलते कंटेंट क्रिएटर्स को नुकसान हो सकता है, क्योंकि उनकी मेहनत का असर कम हो सकता है।
क्यों किया गया यह बदलाव?
इंस्टाग्राम का कहना है कि वीडियो की क्वालिटी को कम करने से प्लेटफॉर्म पर स्टोरेज की मैनेजमेंट आसान होगी और यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा। साथ ही, यह बदलाव खासतौर पर कमजोर इंटरनेट स्पीड वाले क्षेत्रों में वीडियो देखने में सहूलत देगा। इंस्टाग्राम का उद्देश्य है कि प्लेटफॉर्म अधिक डिवाइस और नेटवर्क स्पीड पर उपलब्ध हो सके, जिससे बफरिंग टाइम कम हो और वीडियो की लोडिंग में देरी न हो।
इसके अलावा, इंस्टाग्राम के हेड ऑफ प्लेटफॉर्म्स एंड थ्रेड्स, ऐडम मोसेरी ने यह भी कहा है कि, ‘‘अगर किसी वीडियो पर ज्यादा व्यूज आते हैं, तो उसकी क्वालिटी उच्च रहेगी। लेकिन अगर व्यूज में कमी आती है तो उसका रेजोल्यूशन घटा दिया जाएगा।’’ इस बदलाव से यह साबित होता है कि वीडियो की क्वालिटी अब केवल उस पर आने वाले व्यूज पर निर्भर करेगी।
कंटेंट क्रिएटर्स की चिंता
इंस्टाग्राम का यह कदम मुख्य रूप से कंटेंट क्रिएटर्स के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। वीडियो क्रिएटर्स ने अपनी मेहनत और समय को वीडियो की बेहतरीन क्वालिटी में निवेश किया है ताकि उनके कंटेंट को उच्चतम रेजोल्यूशन में दिखाया जाए। लेकिन अब इस बदलाव के बाद, अगर वीडियो पर व्यूज की संख्या कम हो जाती है, तो वीडियो की क्वालिटी भी घट जाएगी, जिससे उनकी मेहनत का असर भी कम हो सकता है।
यहाँ तक कि कई कंटेंट क्रिएटर्स ने सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह फैसला उनकी मेहनत को सस्ता बना सकता है और छोटे क्रिएटर्स के लिए भी अपनी पहचान बनाना और मुश्किल हो सकता है। खासकर, जिन क्रिएटर्स ने उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो बनाने में निवेश किया था, उन्हें अब महसूस हो सकता है कि उनके वीडियोज़ का प्रभाव कम हो जाएगा।
छोटे क्रिएटर्स को फायदा?
इंस्टाग्राम ने दावा किया है कि छोटे कंटेंट क्रिएटर्स को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। ऐडम मोसेरी का कहना था कि ‘‘यूजर एंगेजमेंट और वीडियो की गुणवत्ता का संबंध सीधे तौर पर कंटेंट से है, न कि बिटरेट क्वालिटी से।’’ इस हिसाब से, छोटे क्रिएटर्स को भी अपने कंटेंट के माध्यम से एंगेजमेंट हासिल करने का मौका मिलेगा, भले ही वीडियो की क्वालिटी कम हो।
हालांकि, इस बयान के बावजूद छोटे क्रिएटर्स का मानना है कि अगर वीडियो की क्वालिटी कम होगी तो उनके कंटेंट का प्रभाव भी कम होगा और वे अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह सकते हैं, जिनके पास अधिक व्यूज और उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो होते हैं।
नए बदलाव का असर
इंस्टाग्राम के इस फैसले का असर न केवल कंटेंट क्रिएटर्स, बल्कि प्लेटफॉर्म के यूजर्स पर भी पड़ सकता है। जहां कुछ लोग इसे एक सुधारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कई यूजर्स और क्रिएटर्स इससे असहमत हैं। यह कहना मुश्किल है कि इंस्टाग्राम का यह कदम कब तक टिकेगा और इसके क्या परिणाम होंगे, लेकिन एक बात साफ है कि प्लेटफॉर्म पर वीडियो की गुणवत्ता में बदलाव निश्चित तौर पर चर्चा का विषय बना रहेगा।
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