अब इलायची की खेती से होगी बंपर कमाई, जानें फसल की शुरुआत का सही तरीका!

अगर आप कृषि व्यवसाय में कदम रखने का सोच रहे हैं और उच्च मुनाफे वाली फसल की तलाश में हैं, तो इलायची की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। इलायची न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी एक बहुत मांग वाली फसल है। इसका इस्तेमाल भोजन, मिठाई, कन्फेक्शनरी, और पेय पदार्थों में खासतौर पर किया जाता है। इसके अलावा, इलायची का उपयोग मिठाइयों में खुशबू बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। ऐसे में इस खरीफ सीजन में इलायची की खेती से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
इलायची की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
इलायची की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा, लैटेराइट और काली मिट्टी में भी इलायची की अच्छी पैदावार होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इलायची के खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि अधिक पानी जमा होने से फसल को नुकसान हो सकता है। इसके लिए रेतीली मिट्टी का चयन करना ठीक नहीं होता। इलायची की फसल के लिए आदर्श तापमान 10 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
इलायची के पौधे की विशेषताएं और रोपाई
इलायची का पौधा सामान्यत: 1 से 2 फीट लंबा होता है, जबकि इसका तना 1 से 2 मीटर तक लंबा हो सकता है। पौधों की पत्तियां 30 से 60 सेंटीमीटर लंबी और 5 से 9 सेंटीमीटर चौड़ी होती हैं। यदि आप खेत की मेड पर इलायची के पौधे लगाना चाहते हैं, तो 1 से 2 फीट की दूरी पर मेड बना सकते हैं, जबकि गड्ढों में पौधों को 2 से 3 फीट की दूरी पर लगाना बेहतर होता है। गड्ढे में गोबर खाद डालने से पौधों की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। इलायची के पौधों को विकसित होने में 3 से 4 साल का समय लग सकता है।
इलायची की रोपाई का सही समय
इलायची की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय मानसून के दौरान होता है। भारत में जुलाई का महीना इसे खेत में लगाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, क्योंकि इस समय बारिश से प्राकृतिक सिंचाई की व्यवस्था हो जाती है और पौधों को छायादार वातावरण मिलता है। यह जरूरी है कि इलायची के पौधों को ज्यादा सूरज की रोशनी और गर्मी से बचाकर छाया में ही उगाया जाए, क्योंकि अधिक गर्मी से इसकी पैदावार प्रभावित हो सकती है।
इलायची की कटाई और कमाई
इलायची की कटाई के बाद उसे अच्छे से सूखाना होता है। इसके लिए धूप में या फिर मशीन की मदद से इलायची को 18 से 24 घंटे तक सुखाया जाता है। सुखाने के बाद, इलायची को हाथों या तार की जाली से रगड़कर छांटा जाता है। इस प्रक्रिया के बाद इलायची को बाजार में बेचा जाता है।
प्रति हैक्टेयर इलायची की पैदावार 135 से 150 किलोग्राम तक हो सकती है। बाजार में इलायची के भाव 1100 से 2000 रुपये प्रति किलोग्राम तक रहते हैं, जिससे एक हैक्टेयर से 5-6 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है।
यह भी पढ़े।
- इंस्टाग्राम का बड़ा फैसला: कंटेंट क्रिएटर्स की परेशानी बढ़ी, HD वीडियो की क्वालिटी पर लगा रोक
- Oppo Find X8 Pro vs Vivo X200 Pro: कौनसा फ्लैगशिप स्मार्टफोन मारेगा बाजी?
- शादी में मांगलिक योग बन रहा बाधा? इस ज्योतिषीय उपाय से मिलेगा समाधान
- BPL Makan Marmat Yojana: बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बड़ी राहत, घर की मरम्मत के लिए सरकार देगी 80,000 रुपये
- Student Work From Home Yojana: वर्क फ्रॉम होम के साथ पढ़ाई भी, स्टूडेंट्स के लिए कमाई के नए रास्ते